NIA Action On Pakistan’s Spy Network: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान से जुड़े एक जासूसी मामले में अबतक देश के आठ राज्यों में 15ठिकानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल में संदिग्धों के परिसरों पर की गई। जिनका संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (Pakistan Intelligence Operatives – PIOs) से बताया जा रहा है। इस अभियान में कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई, जिनकी गहन जांच की जा रही है।
NIA ने किया जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़
NIA ने इस जासूसी नेटवर्क को तोड़ने के लिए आठ राज्यों में कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान जब्त सामग्री में मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, सिम कार्ड और वित्तीय लेनदेन से संबंधित कई दस्तावेज शामिल हैं। ये सामग्रियां अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई हैं ताकि पाकिस्तान आधारित एजेंटों द्वारा संचालित जासूसी रैकेट की गहराई का पता लगाया जा सके। NIA के अनुसार, जिन संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, उनके पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध थे और वे जासूसी गतिविधियों के लिए वित्तीय चैनल के रूप में काम कर रहे थे।
यह कार्रवाई एक बड़े ‘एंटी-इंडिया टेरर कॉन्सपिरेसी’ का हिस्सा मानी जा रही है, जिसे पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा है। NIA ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) 2023की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश), 147 (भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रयास), 148 (साजिश), ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923की धारा 3और 5 (गोपनीय जानकारी का अनधिकृत संचार), और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) 1967की धारा 18 (आतंकवादी कृत्यों में शामिल व्यक्तियों) के तहत जांच शुरू की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह तलाशी अभियान NIA द्वारा 20 मई 2025 को दर्ज किए गए एक मामले (RC-12/2025/NIA/DLI) का हिस्सा है। जो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) मोती राम जाट की गिरफ्तारी के बाद से शुरू हुआ। बता दें, मोती राम जाट जम्मू-कश्मीर में CRPF की 116वीं बटालियन में तैनात थे। उन पर 2023 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप है। जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और वह वर्तमान में NIA की हिरासत में है।