‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ से सफलता की 5 कहानियां; कोई खिलौनों से कर रहा कमाई तो किसी का सपना सभी बनें हेल्दी

लकड़ी के खिलौनों का व्यवसाय: युवा उद्यमी विजय पांडेय ने बताया कि हम लकड़ी के खिलौने बनाते हैं. पूंजी के अभाव में स्टार्ट नहीं कर पा रहा था. सोशल मीडिया से स्कीम के बारे में पता चला. 15-20 दिन में लोन स्वीकृत हो गया और अब लखनऊ, बनारस, कानपुर सहित कई शहरों में उत्पाद भेज रहा हूं.

लोन से किया स्टूडियो सेटअप: युवा उद्यमी शशांक चौरसिया ने बताया कि 2022 में फार्मा कोर्स करने के बाद खुद का स्टूडियो खोलना चाहता था. इस स्कीम से लोन मिलने पर स्टूडियो सेटअप किया. महंगे उपकरण खरीदे और अब तीन लोगों को रोजगार भी दे रहा हूं. जल्द ही अन्य राज्यों में विस्तार की योजना है.

अपना खुद का क्लीनिक खोला: युवा उद्यमी अमर दीप सिंह ने बताया कि हमारा सपना फिजियोथैरेपी क्लिनिक खोलने का था. इसमें आर्थिक बाधा आ रही थी. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से 5 लाख रुपए का लोन मिला और मैंने खुद का क्लीनिक खोल लिया है. अब दो लोगों को रोजगार दे रहा हूं. हर दिन बड़ी संख्या में मरीज़ आ रहे हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की शुरुआत 24 जनवरी 2025 को की गई थी. इतने कम समय में ही लगभग 6 लाख युवाओं द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है. अब तक 67,897 लाभार्थियों को 2,751.82 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है. चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में निर्धारित 1.50 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष 39,223 युवाओं को 1,607.81 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान किया गया है.

योजना के तहत 21 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के कम से कम आठवीं पास प्रशिक्षित युवाओं को 5 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त व गारंटी मुक्त ऋण मुहैया कराया जा रहा है. इसमें 10% तक का अनुदान भी शामिल है. कॉन्क्लेव में आईआईटी कानपुर, एचबीटीयू, लखनऊ विश्वविद्यालय, एकेटीयू, अंबेडकर विश्वविद्यालय और एमिटी यूनिवर्सिटी सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों और विभागों की उपस्थिति रही. इस दौरान कई एमओयू साइन किए गए. इससे युवाओं को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन की दिशा में लाभ मिलेगा.

 

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