भारत का रक्षा कवच होगा और मजबूत, रूस 2026 तक देगा बाकी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम

नई दिल्लीभारत और पाकिस्तान के बीच हुए टकराव में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम स्क्वाड्रन की ताकत पूरी दुनिया ने देखी। S-400 भारत की रक्षा करने के लिए एक मजबूत दीवार बनके खड़ा रहा। अब भारत की वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए रूस 2026 तक बाकी दो S-400 एयर डिफेंस सिस्टम स्क्वाड्रन की आपूर्ति करेगा।

बता दें कि 2018 में 5.43 अरब डॉलर (लगभग ₹35,000 करोड़) के सौदे के तहत भारत ने पांच S-400 स्क्वाड्रन खरीदने का समझौता किया था, जिनमें से तीन पहले ही डिलीवर हो चुके हैं और भारत-चीन तथा भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर तैनात किए गए हैं। चौथा स्क्वाड्रन 2025 के अंत तक और पांचवां 2026 के मध्य तक डिलीवर होने की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति में देरी हुई, लेकिन रूस ने अब डिलीवरी को तेज करने का आश्वासन दिया है।

S-400 की खासियत

S-400 भारतीय वायुसेना में सुदर्शन चक्र के नाम से जाना जाता है। 400 किमी तक की रेंज में विमान, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बना सकता है। यह प्रणाली 600 किमी तक खतरों को ट्रैक कर सकती है और भारत की रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर सिलिगुड़ी कॉरिडोर जैसे रणनीतिक क्षेत्रों की सुरक्षा में। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी प्रभावशीलता साबित हुई, जब इसने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया।

भारत ने रूस से मांग

भारत ने रूस से अतिरिक्त S-400 सिस्टम की मांग भी की है, जिसे रूस जल्द ही मंजूरी दे सकता है। साथ ही, भारत स्वदेशी प्रोजेक्ट कुशा के तहत अपनी लंबी दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है, जिसके 2028-29 तक तैयार होने की उम्मीद है। यह कदम भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा।

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