चिराग ने तो मुजफ्फरपुर दुष्कर्म कांड में सरकार की कलई खोल दी, CM नीतीश को लिखा पत्र

पटना: बिहार की सियासत में मुजफ्फरपुर की नाबालिग दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला गरमाया हुआ है. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं. अब एलजेपीआर चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने खराब कानून-व्यवस्था के साथ-साथ बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का जिक्र किया है.

चिराग ने नीतीश को लिखा पत्र: चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस घटना पर चिंता जताई है और कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि 26 मई को मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी क्षेत्र में दलित बच्ची साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर नृशंस हत्या के प्रयास की घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है. यह हृदयविदारक घटना न केवल एक मासूम जीवन की बर्बर हत्या है, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की गहन विफलता को भी उजागर करती है.

 

‘डॉक्टर भी मामले में दोषी’: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीड़िता ने 6 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया लेकिन 1 जून को पीएमसीएच पटना में दम तोड़ दिया. दुर्भाग्यवश बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार छह घंटे तक उसे एम्बुलेंस में ही तड़पते हुए इंतजार करवाया गया. यह तथ्य अत्यंत पीड़ादायक है कि जिन दरिंदों ने उस मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, वे जितने दोषी हैं उतने ही दोषी पीएमसीएच अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक स्टाफ भी हैं. जिन्होंने बच्ची को बचाने के लिए जरूरी उपचार देने के बजाय उसे एंबुलेंस में ही छोड़ दिया.

सीएम से एक्शन की मांग: एलजेपीआर चीफ ने इस जघन्य अपराध में शामिल सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और कठोरतम दंड देने की मांग की है. साथ ही पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और स्टाफ की भूमिका की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने और इलाज में जानबूझकर देरी और अमानवीयता दिखाने वाले कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर तुरंत सेवा से निलंबन और कठोर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है.

“हम, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रतिनिधियों के रूप में पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिला चुके हैं लेकिन जब तक शासन और प्रशासन दोनों स्तरों पर इस घटना से जुड़े हर दोषी पर सख्त और पारदर्शी कार्रवाई नहीं होती. तब तक न्याय अधूरा और अस्वीकार्य रहेगा. इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि मामले में कठोर कार्रवाई की जाए.”- चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री सह अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

क्या है मामला?: दरअसल 26 मई को मुजफ्फरपुर में एक बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया फिर उसके पेट पर चाकू घोंपा गया. नाजुक हालत में एसकेएमसीएच में भर्ती कराया. पीड़िता की गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. जहां भर्ती के कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि एडमिट कराने में ही 5-6 घंटे लगा दिया गया. बच्ची अस्पताल गेट पर एंबुलेंस में पड़ी रही. इलाज शुरू होने में देरी के कारण उसको बचाया नहीं जा सका.

अब तक क्या कार्रवाई हुई?: स्वास्थ्य विभाग ने जहां पीएमसीएच उपाधीक्षक और एसकेएमसीएच अधीक्षक को हटाते हुए जांच का आदेश दिया है, वहीं मुजफ्फरपुर एसएसपी ने तुर्की थाना के प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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