देहरादून: लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य कमान ने 01 अगस्त 2025 को देहरादून से ‘इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल एक्सपीडिशन –II 2025 (I HiMEx-II)’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल एक्सपीडिशन के द्वितीय संस्करण के फ्लैग ऑफ समारोह में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सचिव तथा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं रॉयल एनफील्ड के शीर्ष अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह एक्सपीडिशन एक ऐसा महत्त्वाकांक्षी प्रयास है, जिसका उद्देश्य हमारे युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना तथा हिमालय की अनछुई और अनुपम प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करना है।
अभियान का उद्देश्य कारगिल युद्ध के वीरों को सम्मान देना, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता बयान करना तथा स्थानीय युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है। इसके अंतर्गत स्थानीय लोगों से संवाद आयोजित कर ‘ऑपरेशन विजय’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित साहस और शौर्य की गाथाओं को साझा किया जाएगा।
फ्लैग आफ से पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य कमान ने मोटरसाइकिल एक्सपीडिशन टीम के सदस्यों से संवाद किया और औपचारिक रूप से एक्सपीडिशन फ्लैग टीम लीडर को सौंपा। एक्सपीडिशन टीम इस गौरवपूर्ण आयोजन का हिस्सा बनने के लिए पूर्णतः उत्साहित और प्रेरित थे तथा भारतीय सेना के जांबाज़ जवानों के साथ मिलकर साहसिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दिये।
13 दिन, 25 मोटरसाइकिलें और एक स्वप्निल यात्रा -‘इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल एक्सपीडिशन II (I HiMEx-II) – 2025’ देहरादून से प्रारंभ होकर रूड़की, रायवाला, गौचर, जोशीमठ, रत्तना कोना, माणा, नीति पास, रिमखिम, कुर्कतुई, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, हर्षिल, थागला-I होते हुए पुनः हर्षिल, रायवाला और रूड़की तक की साहसिक परिक्रमा करेगा। गढ़वाल सेक्टर की दुर्गम पर्वतीय श्रृंखलाओं में 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाला यह रोमांचकारी अभियान केवल हिमालय की अनुपम प्राकृतिक भव्यता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का ही दर्शन नहीं कराएगा, बल्कि मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के अदम्य साहस और त्याग की भावना को सजीव श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। दुर्गम पहाड़ी मार्गों और प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों का सामना करते हुए, अभियान दल रास्ते में आने वाले विभिन्न गाँव, स्कूल और महाविद्यालयों का भी भ्रमण करेगा I
गढ़वाल हिमालय की घाटियों से गुजरते हुए एक्सपीडिशन टीम अपने साथ भारतीय सेना की वीरता, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की प्रेरक गाथाएँ लेकर चलेगा और यात्रा के दौरान इन कहानियों को गढ़वाल के जन-जन तक पहुँचाकर देशभक्ति की भावना का संचार करेगा। एक्सपीडिशन के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित कर हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा और स्थानीय युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में सम्मिलित होकर राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह एक्सपीडिशन अपने आप में अनूठा होगा, जो एक ओर जहाँ राष्ट्रभक्ति की भावना को सुदृढ़ करेगा, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के पर्यटन और साहसिक गतिविधियों को भी नई दिशा प्रदान करेगा। यह आयोजन रॉयल एनफील्ड एवं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रायोजन में, उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सहयोग से संपन्न हो रहा है।