देहरादून: देहरादून के राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित एग्रो एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव का प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया। कृषि मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगाये गये स्टॉलों का भी निरीक्षण किया और उत्पादों से जानकारी ली।
अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि में इस प्रकार के विचारशील और दूरदर्शी सम्मेलन का आयोजन होना, हम सभी के लिए गौरव की बात है। यह केवल संवाद का मंच नहीं है, बल्कि अवसरों के नए द्वार खोलने वाली पहल है और हमारे कृषि क्षेत्र को निर्यात केंद्रित शक्ति में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में उच्च मूल्य की फसलों, जैविक उत्पादों, औषधीय पौधों, मसालों, मिलेट्स और बागवानी फसलों की अपार संभावनाएं हैं। चाहे वो पौड़ी की लाल चावल हो, चमोली की हल्दी, अल्मोड़ा का राजमा हो या उधमसिंह नगर के सब्ज़ियां, ये उत्पाद अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, अपनी जैव विविधता, उपजाऊ मिट्टी और स्वच्छ पर्यावरण के कारण, कुदरती तरीके से कृषि उत्पादों का स्वर्ग है। हर उत्पाद में गुणवत्ता और शुद्धता का अनोखा संगम है। आज हम इसी सामग्री को दुनिया भर में पहुँचाने का संकल्प ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि तकनीकी मिशन, मिशन ऑर्गेनिक उत्तराखण्ड तथा स्कीम ऑफ़ प्रॉसेसिंग पार्क्स आदि की शुरुआत कर चुकी है। हमारा उद्देश्य किसान को कच्चा माल बेचने तक सीमित न रखकर, उन्हें वैल्यू एडिशन, ब्रांडिंग और ग्लोबल मार्केट तक पहुँचाने का है। राज्य की उपजों को निर्यात करने जैसे अहम मुद्दों पर भी सम्मेलन में चर्चा हुई।
इस अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक सौरभ तिवारी, नाबार्ड के सीजीएम पंकज यादव, पीएचडी चैम्बर के चेयरमैन हेमंत कोचर, रितेश कुमार सिंह, अतुल श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।