यूपी में लर्नर लाइसेंस के लिए 10 लाख से ज्यादा आवेदन, निस्तारण में लखनऊ और कानपुर का प्रदर्शन रहा शानदार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने एक जनवरी से 10 जून के बीच नए लर्नर लाइसेंस (LL) आवेदनों की समीक्षा की है. इस अवधि में कुल 10,14,239 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 10,11,961 आवेदनों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया. वर्तमान में सिर्फ 2,278 आवेदन (0.22%) ही लंबित हैं.

लर्नर लाइसेंस के निस्तारण में लखनऊ और कानपुर ने शानदार प्रदर्शन किया है. यहां पर एक भी आवेदन लंबित नहीं हैं. कई अन्य जिले भी इस मामले में बेहतर प्रदर्शन करने वाली सूची में शामिल हैं. जो जिले लापरवाही बरत रहे हैं उन्हें परिवहन आयुक्त ने चेतावनी दी है.

परिवहन विभाग की समीक्षा में सामने आया है कि कई जिलों ने बढ़िया प्रदर्शन किया है. लखनऊ आरटीओ कार्यालय की बात की जाए तो इस अवध में यहां पर 24,364 लर्नर लाइसेंस के आवेदन आए और इन सभी का निस्तारण किया गया. एआरटीओ ट्रांस गोमती में भी 9251 शिक्षार्थी लाइसेंस के आवेदन आए और सभी का निस्तारण समय पर किया गया. इन दोनों ही कार्यालय में लंबित लाइसेंस का आंकड़ा शून्य है. कानपुर नगर में 24,644 आवेदनों में शून्य लंबित मामले रहे हैं.

मथुरा में 18,302 आवेदनों का पूर्ण निस्तारण हुआ है. इसके अलावा, फर्रुखाबाद, बांदा, झांसी और कन्नौज जैसे जिलों में भी लंबित आवेदन शून्य रहे, हालांकि कुछ जिलों में सुधार की गुंजाइश भी है. प्रतापगढ़ में लंबित आवेदन दर 1.68% (298 लंबित आवेदन), फतेहपुर में 1.39% (130 लंबित आवेदन), और गाजीपुर में 1.19% (185 लंबित आवेदन) रही. विभाग ने इन जिलों में सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विशेष निगरानी और साप्ताहिक समीक्षा प्रणाली लागू की है

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने कहा कि आवेदनों की अधिकता के बावजूद लंबित दर कम होना विभाग की ‘पेपरलेस, फेसलेस, कैशलेस’ नीति के प्रभावी कार्यान्वयन और सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए जन-जागरूकता अभियानों की सफलता को दर्शाता है. विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को पारदर्शी और त्वरित सेवा प्रदान करना है. आगे भी प्रशासनिक प्रक्रियाओं की नियमित समीक्षा जारी रहेगी, जिससे लंबित मामलों को समाप्त किया जा सके.

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