ऑटोमोबाइल कंपनियों के विरोध से लटकी हाइब्रिड कारों पर टैक्स छूट, कैबिनेट ने लिया था फैसला

ऑटोमोबाइल कंपनियों के विरोध से हाइब्रिड कारों पर टैक्स छूट लटक गई। जून में कैबिनेट ने टैक्स छूट देने का निर्णय लिया था। अब वापस लेने की तैयारी है।

देहरादून: उत्तराखंड में ऑटोमोबाइल कंपनियों के विरोध के बीच जून में कैबिनेट द्वारा घोषित हाइब्रिड कारों पर 100 % वाहन कर और पंजीकरण शुल्क की छूट अब सस्पेंड होने की कगार पर है। रिपोर्टों के अनुसार टाटा और महिंद्रा जैसी प्रमुख कंपनियों ने सरकार को लिखित रूप में बताया है कि यह नीति उनके निवेश और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कारोबार को नुकसान पहुंचा सकती है ।

जॉइन्ट मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में परिवहन विभाग, मुख्य सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस नीति की समीक्षा की। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या छूट को पूरी तरह निरस्त कर देना चाहिए क्योंकि ऑटो उद्योग का मानना है कि यह EV विकल्पों के बजाय हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहित करेगी और राज्य में उनकी EV निवेश योजनाओं को प्रभावित करेगी ।

परिवहन विभाग का तर्क है कि उत्तराखंड में छूट न होने पर लोग अन्य राज्यों में अपने हाइब्रिड वाहन का पंजीकरण करवा रहे थे, जिससे राज्य को GST में लगभग ₹3–3.5 लाख तक का नुकसान हो रहा था । हालांकि अर्थ सरकार के राजस्व हित और पर्यावरण संरक्षण—दोनों को संतुलित करने पर विचार कर रही है।

इस समय हाइब्रिड कारों पर टैक्स छूट की घोषणा सस्पेंड है और इसका अंतिम निर्णय जल्द ही कैबिनेट की अगली बैठक में लिया जाएगा।

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