उत्तराखंड में B कैटेगरी के पुलों को A कैटेगरी में किया जाएगा अपग्रेड, पीएमयू गठन को मिली मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में अब सैकड़ों पुलों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत अब प्रदेश के पुल भारी से भारी वाहन और मशीनरी का भार सहन कर सकेंगे. इसी साल फरवरी महीने में भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के पुलों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.

पुलों की क्षमता बढ़ाने के कई फायदे: अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के लिए ये फैसला सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. क्योंकि, पुलों की क्षमता बढ़ने से ना केवल इंडस्ट्री से जुड़े कार्यों बल्कि, सेना के मूवमेंट को भी इससे काफी मदद मिलेगी.

उत्तराखंड में छोटे-बड़े करीब 2,000 पुल हैं. जिसमें से बी श्रेणी के 300 से ज्यादा पुल चिन्हित किए गए हैं. जिसको ए श्रेणी में अपग्रेड किया जाएगा. खास बात ये है कि करीब 1640 करोड़ रुपए की लागत की परियोजना से पुलों को अपग्रेड किया जाएगा. जिसका 20 फीसदी का खर्च राज्य सरकार और 80 फीसदी खर्च एशियन डेवलपमेंट बैंक की ओर से वहन किया जाएगा.

Uttarakhand Bridge Upgradation

इन पुलों को अपग्रेड किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने का निर्णय लिया था. ऐसे में 9 जुलाई को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है.

मंत्रिमंडल ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित करने की मंजूरी देने के साथ ही इस यूनिट के लिए 49 पदों की स्वीकृति भी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के हेड के रूप में पीडब्लूडी सचिव या फिर किसी सीनियर आईएएस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंप जा सकती है. ऐसे में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन होने के बाद ये यूनिट प्रदेश के पुलों की वहन क्षमता को बढ़ाने संबंधित अध्ययन करेगा.

Uttarakhand Bridge Upgradation

क्या है ए और बी कैटेगरी: इसके साथ ही प्रदेश में चिन्हित 300 से ज्यादा बी श्रेणी की पुलों को ए श्रेणी में अपग्रेड करने की दिशा में काम भी करेगा. बी श्रेणी में पुल की भार क्षमता करीब 50 से 55 टन तक की होती है. ऐसे में इसे ए श्रेणी में अपग्रेड करने के बाद पुलों की भार सहने की क्षमता करीब 70 टन हो जाएगी.

 

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